
विमानन के इतिहास में कुछ ऐसे हादसे हुए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। ये हादसे न केवल तकनीकी खामियों, बल्कि मानवीय भूल, संचार त्रुटियों और अप्रत्याशित परिस्थितियों का परिणाम रहे। इस लेख में हम विश्व के 10 सबसे बड़े विमान हादसों की चर्चा करेंगे, जो अपनी भयावहता और प्रभाव के लिए हमेशा याद किए जाते हैं।
1. टेनेरिफ़ हादसा, स्पेन (1977): 583 मौतें
27 मार्च 1977 को स्पेन के टेनेरिफ़ द्वीप पर लॉस रोडियोस हवाई अड्डे पर इतिहास का सबसे घातक विमान हादसा हुआ। केएलएम और पैन एम की दो बोइंग 747 आपस में टकरा गईं। घने कोहरे और संचार में गलतफहमी के कारण यह हादसा हुआ। केएलएम का विमान टेकऑफ करने की कोशिश में था, जबकि पैन एम का विमान अभी रनवे पर ही था। टकराव इतना भयानक था कि दोनों विमानों में आग लग गई, और 583 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने विमानन उद्योग में संचार प्रोटोकॉल और सुरक्षा मानकों को पूरी तरह बदल दिया।
2. जापान एयरलाइंस फ्लाइट 123, जापान (1985): 520 मौतें
12 अगस्त 1985 को जापान एयरलाइंस की फ्लाइट 123, जो एक बोइंग 747 थी, टोक्यो से ओसाका जा रही थी। उड़ान के कुछ ही मिनट बाद विमान का पिछला प्रेशर बल्कहेड फट गया, जिससे हाइड्रोलिक सिस्टम बेकार हो गया। पायलटों ने विमान को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह माउंट ताकामागाहारा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 520 लोग मारे गए, जो एकल विमान हादसे में सबसे अधिक मृत्यु का रिकॉर्ड है। केवल चार लोग जीवित बचे। इस हादसे ने रखरखाव और निरीक्षण प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए।
3. छछिंदवाड़ा हादसा, भारत (1996): 349 मौतें
12 नवंबर 1996 को भारत के हरियाणा के छछिंदवाड़ा के पास एक सऊदी अरेबियन एयरलाइंस की बोइंग 747 और कजाकिस्तान की एक कार्गो फ्लाइट हवा में टकरा गई। सऊदी विमान दिल्ली से जेद्दाह जा रहा था, जबकि कजाक विमान दिल्ली की ओर आ रहा था। खराब संचार और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की गलती के कारण यह हादसा हुआ। दोनों विमानों में सवार 349 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में सुधार की मांग का कारण बना।
4. तुर्की एयरलाइंस फ्लाइट 981, फ्रांस (1974): 346 मौतें
3 मार्च 1974 को तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट 981 पेरिस से लंदन जा रही थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद विमान का कार्गो दरवाजा खराब डिजाइन के कारण टूट गया, जिससे केबिन का दबाव कम हो गया और विमान फ्रांस के एक जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 346 लोग मारे गए। इस घटना ने विमान डिजाइन और सुरक्षा जांच में बड़े बदलाव किए।
5. एयर इंडिया फ्लाइट 182, आयरलैंड (1985): 329 मौतें
23 जून 1985 को एयर इंडिया की फ्लाइट 182, जो कनाडा से भारत जा रही थी, अटलांटिक महासागर के ऊपर बम विस्फोट के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह आतंकवादी हमला था, जिसमें 329 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि सामान में रखा गया बम इस हादसे का कारण था। इस घटना ने हवाई अड्डों पर सामान की जांच और सुरक्षा प्रक्रियाओं को और सख्त करने की जरूरत को रेखांकित किया।
6. अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 191, अमेरिका (1979): 273 मौतें
25 मई 1979 को शिकागो के ओ’हेयर हवाई अड्डे से उड़ान भरते समय अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 191 का एक इंजन टूटकर अलग हो गया। इससे विमान अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, और 273 लोग मारे गए। यह अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा विमान हादसा है। जांच में रखरखाव और इंजन डिजाइन में खामियां सामने आईं।
7. मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 17, यूक्रेन (2014): 298 मौतें
17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट 17 को यूक्रेन के ऊपर एक मिसाइल ने मार गिराया। यह विमान एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था। हादसे में 298 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि यह मिसाइल रूस समर्थित विद्रोहियों ने दागी थी। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए युद्ध क्षेत्रों से बचने की नीतियों को और सख्त किया।
8. कोरियन एयरलाइंस फ्लाइट 007, सोवियत संघ (1983): 269 मौतें
1 सितंबर 1983 को कोरियन एयरलाइंस की फ्लाइट 007 गलती से सोवियत हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गई। सोवियत वायुसेना ने इसे जासूसी विमान समझकर मार गिराया। इस हादसे में 269 लोग मारे गए। इस घटना ने वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ाया और नेविगेशन सिस्टम में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया।
9. लॉकरबी बम विस्फोट, स्कॉटलैंड (1988): 270 मौतें
21 दिसंबर 1988 को पैन एम की फ्लाइट 103 स्कॉटलैंड के लॉकरबी के ऊपर बम विस्फोट के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस आतंकवादी हमले में 270 लोग मारे गए, जिनमें जमीन पर मौजूद 11 लोग भी शामिल थे। इस हादसे ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित किया।
10. सऊदी अरेबियन फ्लाइट 163, रियाद (1980): 301 मौतें
19 अगस्त 1980 को सऊदी अरेबियन एयरलाइंस की फ्लाइट 163 में उड़ान भरने के बाद आग लग गई। पायलटों ने विमान को रियाद हवाई अड्डे पर वापस लाने की कोशिश की, लेकिन लैंडिंग के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। इस हादसे में 301 लोग मारे गए। इस घटना ने आपातकालीन निकासी प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया।
ये हादसे न केवल मानवीय त्रासदियों के प्रतीक हैं, बल्कि विमानन उद्योग के लिए सबक भी हैं। इन घटनाओं ने सुरक्षा मानकों, संचार प्रणालियों, रखरखाव और आतंकवाद के खिलाफ नीतियों में बड़े बदलाव किए। आज विमानन उद्योग पहले से कहीं अधिक सुरक्षित है, लेकिन इन हादसों की याद हमें सतर्क रहने और निरंतर सुधार करने की प्रेरणा देती है।