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Home»News»Operation Sindoor: 600 आतंकी, विदेशी चंदा… बहावलपुर के आतंकी मरकज को भारत ने किया तबाह, ऐसे चलता था आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप
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Operation Sindoor: 600 आतंकी, विदेशी चंदा… बहावलपुर के आतंकी मरकज को भारत ने किया तबाह, ऐसे चलता था आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप

By Technical True13 May 2025Updated:28 May 2025
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भारत के इतिहास में कुछ ऐसे क्षण दर्ज हैं जो न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हैं, बल्कि देश की दृढ़ इच्छाशक्ति और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को भी रेखांकित करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर, जो 6 और 7 मई 2025 को शुरू हुआ, ऐसा ही एक ऐतिहासिक अभियान है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। इस कार्रवाई का नाम “सिंदूर” भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के प्रतीक के रूप में चुना गया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इस अभियान को अंजाम दिया।

ऑपरेशन की पृष्ठभूमि

पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने का आरोपी रहा है। बहावलपुर, मुरिदके और अन्य क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकाने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के केंद्र के रूप में कुख्यात हैं। इन ठिकानों से 9/11, लंदन ट्यूब बम विस्फोट और भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों की साजिश रची गई। विशेष रूप से, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले ने भारत को तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तय्यबा जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ था। हमले के बाद देश में व्यापक आक्रोश फैल गया और सभी राजनीतिक दलों, समुदायों और नागरिकों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की।

ऑपरेशन के उद्देश्य

ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य लक्ष्य आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना और आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देना था। भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने इस अभियान को आतंकियों और उनके प्रायोजकों को दंडित करने के लिए शुरू किया। ऑपरेशन के तीन प्रमुख सिद्धांत थे:

  1. निर्णायक जवाबी कार्रवाई: भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी आतंकी हमले का जवाब अपने समय और तरीके से देगा।
  2. परमाणु धमकियों का खंडन: पाकिस्तान की ओर से परमाणु हथियारों की धमकी को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।
  3. आतंकियों और प्रायोजकों में कोई भेद नहीं: भारत ने आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वाली ताकतों के बीच कोई अंतर नहीं किया।

ऑपरेशन का कार्यान्वयन

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं – वायुसेना, थलसेना और नौसेना – के समन्वित प्रयासों का परिणाम था। भारतीय वायुसेना ने नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को चिह्नित किया, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मरकज सुभान अल्लाह और मुरिदके में लश्कर-ए-तय्यबा का मरकज तैबा शामिल थे। 7 मई 2025 की सुबह इन ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों जैसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ सटीक हमले किए गए।

बहावलपुर आतंकी केंद्र

बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह जैश-ए-मोहम्मद का केंद्रीय कमांड सेंटर था। यह केंद्र आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण और वैचारिक कट्टरता के लिए कुख्यात था। इस केंद्र का नेतृत्व यूसुफ अजहर और हाफी मोहम्मद जमी जैसे शीर्ष आतंकी करते थे। केंद्र की प्रमुख गतिविधियों में शामिल थे:

  • भर्ती और प्रशिक्षण: युवाओं को जिहाद के लिए प्रेरित किया जाता था और उन्हें हथियार, विस्फोटक और गुरिल्ला युद्ध की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता था।
  • वैचारिक कट्टरता: आतंकियों को आत्मघाती हमलों के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता था।
  • आतंकी साजिशें: 1999 के IC-814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई बड़े आतंकी हमलों की योजना यहीं बनाई गई थी।

भारत ने इस केंद्र पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर इसे पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस हमले में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे प्रमुख आतंकी मारे गए।

आतंकी फंडिंग का नेटवर्क

इन आतंकी ठिकानों को खाड़ी देशों, कुछ पश्चिमी देशों के प्रवासी समुदायों और ड्रग तस्करी व हवाला जैसे गैर-कानूनी स्रोतों से वित्तीय सहायता मिलती थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इन फंडिंग नेटवर्क की सटीक जानकारी एकत्र की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इनके वित्तीय स्रोतों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का इन संगठनों को समर्थन स्पष्ट था, और ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने सबूत पेश किए कि पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल थे।

ऑपरेशन का प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया। इसके प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • आतंकी ढांचे का विनाश: नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट किया गया, जिसमें लगभग 600 आतंकी मारे गए, जिनमें कई शीर्ष कमांडर शामिल थे।
  • पाकिस्तान की सैन्य कमजोरी: नूर खान और रहीम यार खान एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा, जिसने पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों की कमजोरियों को उजागर किया।
  • वैश्विक संदेश: भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कीमत पर कार्रवाई करेगा।
  • पाकिस्तान पर दबाव: ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया, जिसके परिणामस्वरूप अस्थायी युद्धविराम हुआ।

आतंकी प्रशिक्षण शिविरों का संचालन

इन आतंकी शिविरों को अत्यधिक गोपनीय और संगठित तरीके से संचालित किया जाता था। ये शिविर सैन्य ठिकानों या नागरिक क्षेत्रों के पास स्थापित किए जाते थे ताकि इन्हें निशाना बनाना मुश्किल हो। इन शिविरों में हथियार प्रशिक्षण, गुरिल्ला युद्ध, साइबर हमले और आत्मघाती हमलावरों की तैयारी जैसे कार्य किए जाते थे। पाकिस्तानी सेना और ISI का समर्थन इन शिविरों को लंबे समय तक सक्रिय रखने में सहायक था।

चुनौतियां और भारत की रणनीति

ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देना आसान नहीं था। परमाणु हथियारों की धमकी और अंतरराष्ट्रीय दबाव प्रमुख चुनौतियां थीं। हालांकि, भारत ने इनका सामना करने के लिए व्यापक तैयारी की थी:

  • खुफिया जानकारी: ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए सटीक जानकारी एकत्र की गई।
  • अत्याधुनिक हथियार: ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य निर्देशित हथियारों का उपयोग किया गया।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: इजरायल जैसे सहयोगी देशों के साथ समन्वय स्थापित किया गया।

भविष्य के लिए सबक

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति में एक नया अध्याय जोड़ा। यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, रणनीतिक कौशल और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इसने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि आतंकवाद को समर्थन देना बंद करना होगा। साथ ही, यह वैश्विक समुदाय को यह संदेश देता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर है। इसने न केवल आतंकी नेटवर्क को गहरी चोट पहुंचाई, बल्कि भारत की एकजुटता और दृढ़ता को भी प्रदर्शित किया। भविष्य में, भारत को ऐसी ही रणनीतिक और एकजुट कार्रवाइयों के साथ आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करना होगा।

600 terrorists Foreign donation… india India destroyed Operation Sindoor Terrorists of Bahawalpur terrorists training camp
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