
वैभव सूर्यवंशी का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गांव ताजपुर में हुआ। उनके पिता, एक स्कॉर्पियो गाड़ी के मालिक और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति, ने वैभव के क्रिकेट के प्रति प्रेम को जल्दी पहचान लिया। परिवार के सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने वैभव के लिए घर के पास एक नेट प्रैक्टिस एरिया बनवाया, जहां वैभव ने मात्र 4-5 साल की उम्र से बल्लेबाजी का अभ्यास शुरू किया। उनके पहले कोच मनीष ओझा ने वैभव की असाधारण प्रतिभा को तुरंत पहचान लिया और उन्हें व्यवस्थित प्रशिक्षण देना शुरू किया।
वैभव ने 7 साल की उम्र में स्थानीय क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लिया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें जल्दी ही अपने साथियों से अलग कर दिया। कोच मनीष के मार्गदर्शन में, वैभव ने बल्लेबाजी की बारीकियां सीखीं और अपने खेल को निखारा। उनकी टाइमिंग, शॉट्स का चयन और दबाव में शांत रहने की क्षमता ने सभी को प्रभावित किया।
रिकॉर्ड तोड़ने वाली शुरुआत
12 साल की उम्र में वैभव ने बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करके इतिहास रच दिया। इतनी कम उम्र में रणजी ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खेलना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद, सितंबर 2024 में चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ युवा टेस्ट में वैभव ने 62 गेंदों में 104 रन बनाकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। यह किसी भी पेशेवर क्रिकेट स्तर पर 13 साल की उम्र में सबसे तेज शतक था, जिसने बांग्लादेश के नजमुल हुसैन शांतो के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
आईपीएल 2025: वैभव का जलवा
आईपीएल 2025 वैभव के करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ। राजस्थान रॉयल्स ने मेगा ऑक्शन में उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा, जिससे वह आईपीएल इतिहास के सबसे युवा और सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक बन गए। 19 अप्रैल 2025 को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपने आईपीएल डेब्यू में, 14 साल और 23 दिन की उम्र में, वैभव ने 20 गेंदों में 34 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन असली जादू तो 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ देखने को मिला, जब वैभव ने 35 गेंदों में 101 रन बनाकर आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस पारी में 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे, जिसने क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया।
वैभव की इस पारी ने न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी सुर्खियां बटोरीं। उनकी बेखौफ बल्लेबाजी, शानदार टाइमिंग और दबाव में शांत रहने की क्षमता ने क्रिकेट पंडितों और प्रशंसकों को उनका दीवाना बना दिया। राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, “वैभव में वह चिंगारी है, जो भारतीय क्रिकेट को लंबे समय तक रोशन रख सकती है। वह अंडर-19 स्तर पर और भविष्य में भारतीय टीम के लिए बहुत कुछ करेंगे।”
दिग्गजों की सलाह और चेतावनी
वैभव की प्रतिभा ने न केवल प्रशंसकों, बल्कि क्रिकेट के दिग्गजों का भी ध्यान खींचा है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने ‘ऑस्ट्रेलियन समर ऑफ क्रिकेट 2025-26’ कॉन्फ्रेंस में वैभव की तारीफ की, लेकिन साथ ही उन्हें सलाह भी दी। वॉ ने कहा, “वैभव में असाधारण प्रतिभा और मानसिक मजबूती है, लेकिन उन्हें अपने पैर जमीन पर रखने होंगे। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता आसान नहीं है। भविष्य में उन पर अपेक्षाओं का दबाव बढ़ेगा, और उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी अपने खेल पर नियंत्रण बनाए रखना।”
वॉ ने यह भी चेतावनी दी कि भारत में हर उभरते बल्लेबाज की तुलना सचिन तेंदुलकर से करना गलत है। उन्होंने कहा, “सचिन जैसी प्रतिभा शताब्दी में एक बार आती है। वैभव को अपनी अनूठी शैली विकसित करनी चाहिए और बाहरी चकाचौंध से बचना चाहिए।” वॉ ने यह भी स्वीकार किया कि वह आमतौर पर आईपीएल नहीं देखते, लेकिन वैभव जैसे खिलाड़ी को देखने का मन जरूर करता है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने भी बीसीसीआई को वैभव को संभालकर रखने की सलाह दी। उन्होंने विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर वैभव को सही मार्गदर्शन नहीं मिला, तो उनकी प्रतिभा बर्बाद हो सकती है। इसी तरह, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज वीरेंद्र सहवाग ने वैभव को सलाह दी कि वह शुरुआती सफलता और धन की चमक में न बहकें। सहवाग ने कहा, “वैभव को अगले 20 साल तक क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना चाहिए। मैदान पर टिके रहना और निरंतर प्रदर्शन करना ही असली चुनौती है।”
अन्य उपलब्धियां
वैभव की प्रतिभा केवल आईपीएल तक सीमित नहीं है। उन्होंने अंडर-19 एशिया कप 2024 में शानदार प्रदर्शन किया, जहां 5 मैचों में 145.45 की स्ट्राइक रेट के साथ 176 रन बनाए, जिसमें 76 रनों की नाबाद पारी शामिल थी। इसके अलावा, बिहार के लिए सहरसा के खिलाफ एक वनडे मैच में उन्होंने 332 रनों की नाबाद पारी खेलकर रोहित शर्मा के 264 रनों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।
हाल ही में वैभव को इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय अंडर-19 टीम में शामिल किया गया है, जहां वह आयुष म्हात्रे की कप्तानी में 24 जून से 23 जुलाई 2025 तक 5 वनडे और 2 मल्टी-डे मैच खेलेंगे। यह दौरा उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा को और निखारने का एक शानदार अवसर होगा।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
वैभव सूर्यवंशी की असाधारण प्रतिभा के साथ-साथ उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती है अपेक्षाओं के दबाव को संभालना। 14 साल की उम्र में इतनी बड़ी सफलता और मीडिया का ध्यान किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए भारी हो सकता है। राहुल द्रविड़ ने भी चेतावनी दी कि अगले सीजन में गेंदबाज वैभव की कमजोरियों को निशाना बनाएंगे, और उन्हें पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी।
मैथ्यू हेडन ने भी वैभव को सलाह दी कि क्रिकेट एक कठिन खेल है, और इसमें निरंतर सुधार की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, “शतक के बाद शून्य पर आउट होना खेल का हिस्सा है। महत्वपूर्ण है कि आप इससे सीखें और आगे बढ़ें।”
वैभव सूर्यवंशी निस्संदेह भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं। उनकी टाइमिंग, शॉट्स का चयन और दबाव में शांत रहने की क्षमता उन्हें एक असाधारण खिलाड़ी बनाती है। लेकिन, जैसा कि स्टीव वॉ, ग्रेग चैपल और वीरेंद्र सहवाग ने चेतावनी दी है, उनके लिए यह जरूरी है कि वे अपनी मेहनत और फोकस को बनाए रखें। बीसीसीआई, उनके कोच और परिवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वैभव को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, ताकि वह एक लंबे और शानदार करियर की ओर बढ़ सकें।
वैभव सूर्यवंशी ने अपनी छोटी सी उम्र में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वह किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जहां प्रतिभा के साथ-साथ मानसिक मजबूती और अनुशासन की जरूरत होती है। वैभव के पास वह सब कुछ है, जो एक महान क्रिकेटर बनने के लिए चाहिए। अब यह उनके और उनके मार्गदर्शकों पर निर्भर करता है कि वे इस युवा सितारे को सही दिशा में ले जाएं और भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित करें।